सुन कान्हा ओ कान्हा मैं तेरी राधा सुन कान्हा। सुन कान्हा ओ कान्हा मैं तेरी राधा सुन कान्हा।
ना शब्दों की पहचान मुझे ना अक्षरों का ज्ञान है। मुझको तो ओ मेरे कान्हा बस तेरे भजनो ना शब्दों की पहचान मुझे ना अक्षरों का ज्ञान है। मुझको तो ओ मेरे कान्हा ...
जहाँ लोग नेतागिरी से ज्यादा, चमचागिरी में खुश हो। जहाँ लोग नेतागिरी से ज्यादा, चमचागिरी में खुश हो।
अपने शौक मारे हैं इन्होंने अपने शौक मारे हैं इन्होंने
तब शायद राधा राधा होगी और मीरा केवल मीरा। तब शायद राधा राधा होगी और मीरा केवल मीरा।
कहते तुम थे बेटे उनके ये बात मुझे याद है तुम बेटे तो मैं बहू हूँ आज उनका श्राद्ध है। कहते तुम थे बेटे उनके ये बात मुझे याद है तुम बेटे तो मैं बहू हूँ आज उनक...